डीडी किसान को नायाब रूप देकर प्रधानमंत्री के सपने को असल तरीके से साकार किया ,अपनी सोंच को साकार करने में धूनी है रंजन मुख़र्जी ! - चंद्रभूषण सिंह डायरेक्टर /प्रोडूसर

                                                    
PM Narendra Modi ji & Ranjan Mukherjee

 अपनी सोंच को साकार करने में धूनी है रंजन मुख़र्जी  ! बहुत  कम ही लोगो होते है आप जैसे , बहुत सीधी और स्वच्छ बात और काम के प्रति हमेशा ऊर्जावान रहते है रंजन मुख़र्जी ! जो भी मिला पहले बार आप से ,आप ने अपने मृदुल स्वाभाव से सब को अपना बना लिया !

प्रसार भारती का गठन २३ नवंबर, १९९७ प्रसारण संबंधी मुद्दों पर सरकारी प्रसारण संस्थाओं को स्वायत्तता देने के मुद्दे पर संसद में काफी बहस के बाद किया गया था। संसद ने इस संबंध में १९९० में एक अधिनियम पारित किया लेकिन इसे अंततः १५ सितंबर १९९७ में लागू किया गया। प्रसार भारती के अंतर्गत वैसे तो दूरदर्शन हमारे देश का प्रमुख चैनल है, लेकिन चैनल की टीआरपी बहुत समय से अच्छी नहीं चल रही थी। इसके लिए मैं धन्यवाद देता हूं रंजन मुखर्जी को जिनको वित्तीय वर्ष 2015-16 (फरवरी 2015) में प्रसार भारती में एडीजी (Additional director general, अपर महानिदेशक) रेवेन्यू जेनेरेशन (Revenue Generation) के रूप में जिम्मेदारी दी गई और उन्होंने उत्तर, पूर्व तथा उत्तरपूर्वी भारत के विज्ञापन प्रदाताओं को एकजुट कर दूरदर्शन के लिए फंड इकट्ठा करने में अहम भूमिका निभाई। केवल एक महीने में उनके अथक प्रयास और दिन-रात की मेहनत के कारण वित्तीय वर्ष 2015 -16 के अंत तक दूरदर्शन और प्रसार भारती के खजाने में काफी बढ़ोतरी हुई। आंकड़ों की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2015 -16 के अंत तक राजस्व संग्रह (Revenue collection) में 274 करोड़ तक की बढ़ोतरी हुई। यह भी बताते चलें कि फरवरी 2015 तक यह केवल 150 करोड़ तक ही था जो इनकी मेहनत से 368 करोड़ तक पहुंच गया। हमारे देश के चैवल दूरदर्शन को एक जीवंत सांस देने के लिए रंजन मुखर्जी को सलाम। जय हिंद।


मुझे याद है। मेरी मुलाकात हुई थी प्रसार भारती के .डी.जी. रंजन मुखर्जी से उस दौरान जब वो डीडी किसान को एक नया और अनोखा शक्ल देने के लिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों के प्रति सोच को कैसे साकार हो और कैसे उसमें अहम भूमिका निभा सकें, इस पर जुटे रहते थे।
एक चैनल को इतने कम समय में मूर्त रूप दे देना और पूरे देश में उस चैनल के प्रति किसानों के बीच जागरूकता पैदा कर देना, यह आसान काम नहीं था। लेकिन यह मोदी सरकार का विश्वास था ही था कि इन्हें एयर फोर्स से एयर कोमोडोर पद से डेप्यूटेशन पर डीडी किसान को लॉन्च करने के लिए लाया गया और इन्होंने अपने आप को साबित भी किया। इन्होंने पूरे देश में 'किसान रथ' निकाला। देश के 678 जिलों में डीडी किसान के प्रतिनिधियों को जोड़ा।
श्री मुखर्जी ने मुझे हुए कुल पल की बातचीत में यह भी कहा था कि कृषि प्रयोगशालाओं में निकले निष्कर्षों को लैब टू लैंड पद्धति के अंतर्गत किसान समुदाय के बीच में लाना होगा। इससे किसान समुदाय लाभान्वित होगा एवं कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। जल संरक्षण एवं सिंचाई की आधुनिक तकनीकों से किसानों को अवगत कराने में भी मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। 62 राष्ट्रीय कृषि विश्वविद्यालय एवं 642 कृषि विज्ञान केन्द्र भारत में कृषि शोध पर कार्य कर रहे हैं। दूरदर्शन द्वारा प्रारम्भ किया गया किसान चैनल देश के किसानों को कृषि के सम्बन्ध में वैज्ञानिक जानकारी का सम्प्रेषण करते हुए उन्हें कृषि क्षेत्र की नई वैज्ञानिक तकनीकों से अवगत कराएगा। किसान चैनल जनसामान्य की भाषा में कृषि सूचनाओं का सम्प्रेषण करेगा। आज रेडियो, टेलीविजन एवं जनसंचार के अन्य माध्यम कृषि, जैव तकनीक एवं जैविक सुरक्षा के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
Prime Minister Narendra Modi and Ranjan Mukherjee 


 इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चयन को सलाम करता हूं और रंजन मुखर्जी को बधाई देता हूं।

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