भारतीया रेल और उस का प्रभु , प्रभु -गरीबो का मलिक - चंद्रभूषण सिंह एक्टर / डायरेक्टर

माननीय  रेल मंत्री सुरेश  प्रभु जी,
आदरणीय मंत्री महोदय ,मई आप से कुछ  चाहता हु,और आप का ध्यान अपनी कुछ मूल भूत चीज़ों  को केंद्रिरत्त करना चाहता हु,महोदय 
मई ये चाहता हूँ की ,भारतीय रेल अपनी अलग पहचान और काम की लिए वर्ल्ड में जनि जाये,
मई आप से २ बातो को कहना चाहता हूं ,
१. आप गरीब रथ नाम की रेल गाड़ियों का नाम बदल कर
1.(genral Ac train) 2.golden rath 3.sadharan ac rath etc 
कुछ और भी रख सकते हैं, जैसे की मै  ने कुछ दिन पहले ही ,निजामुद्दीन गरीब रथ से सफर किया.,मैं पहली बार,इस ट्रैन में सफर कर रहा था,
प्रभु जी,मैं आप से निवेदन करना चाहता ,की हमारे देश में "गरीब" शब्द एक बीमारी की तरह है,और  आप जब  किसी बीमारी को ख़तम करना चाहते है तो,उस को ये समझना होगा की,समाज में व्याप्त ये बीमारी कैसे गायब होगी,मैं ये कहता हू की ,हमारे देश में गरीब लोग भी है,और आप उन को कुछ देना चाहते है,तो इस का मतलब ये नहीं की ,ये गरीब है,इस की लिए गरीब रथ चलाया गया है,मैं कहता हु की ग़रीबो को बार बार गरीब बोल कर ऐसा लगता है की कोई उन को गली दे रहा है,मैं ये कहना चाहता हू की,हम गरीबो के  अंदर एक ऐसा आत्मविश्वास पैदा करें ,कि उन को ऐसा लगे ही  नहीं की  समाज में कोई अलग से पहचान रखने वाले है,वो गरीब लोग,और समाज में व्याप्त ऐसे नाम को दूर किया जाये,मान लो कोई गरीब आदमी उस में सफर कर रहा हो.और सच में गरीबी का तमगा उस पर हो,तो वो सफर कैसा होगा ,की गरीब हु इसलिए मेरे लिए गरीब रथ बनाया गया, ग़रीबो के लिए जब ,(सामान्य रथ ),(गोल्डन रथ ) (और सिल्वर रथ ) चलिये जायेंगे तो दिमाग से तो गरीब जाएँगी हे,और आधी दुनिया मानसिक गुलाम है,,हमे लोगो को मानसिक गुलामी से निजात दिलाना है,
माननीय प्रधान मंत्री जी  मोदी जी का भी यही कहना है,जिस दिन हम पुरे देश को मानसिक गुलामी से निजात दिला  ले गए ,हम एक नए युग की शुरवात कर देंगें !
२. माननीय मंत्री जी एक व्यवस्था बहुत ही ख़राब है,की आप लोग जो चादर और तकिया देते है,उन को कई बार ऊपयोग किया जाता है,और बार बार उन को पैसेंजर्स को २५ रुपये ले कर दिया जाता है,मैं आप से पूछना चाहता कि गरीब आदमी क्या धूलि हुई चादर उपयोग  नहीं कर सकता ,मै आप से निवेदन करता हु की आप चाहे तो १० रुपये ज्यादा ले लीजिये ,पर किसे को भी उपयोग की हुई वस्तुएं ,कैसे उपयोग करा सकते है, किसी को कुछ बीमारी हो,किसे ने कुछ किया हो,कैसे भी हाइजीन का भी कुछ मतलब होता है,  क्या आप की घर में कोई मेहमान आता है तो क्या आप उसे अपनी ओढ़ी हुई चादर देते है,नहीं। .इसलिए महोदय इंडियन रेलवेज को नया अयं देने के लिए बहुत से परिवर्तन और अच्छी सोंच की जरूरत है,
इन्हें विचारों और सुझाव के साथ आप को बहुत बहुत धन्यवाद !

                                                                
    आप का प्यारा                                         

      चंद्रभूषण सिंह 
  एक्टर / डायरेक्टर /सेवक 
     8828466070

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